छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले पर नहीं हो रही कार्यवाही जाने मामला,,,,,,

छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले पर नहीं हो रही कार्यवाही जाने मामला,,,,,,
छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले पर नहीं हो रही कार्यवाही जाने मामला,,,,,,

*गोविंद रात्रे ब्यूरो चीफ बलौदाबाज़ार*

बलौदाबाज़ार : आपने ठगी के कई मामले सुने होंगे लेकिन गरीब वनवासियों को छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर ठगने का मामला पहली बार सुना होगा। बलौदाबाज़ार वन मंडल के वन परीक्षेत्र अर्जुनी के तेंदूपत्ता संग्रहण केंद्र समिति गनियारी के प्रबंधक लक्ष्मीनारायण भोई ने वर्ष 2020- 21 में समिति क्षेत्र में आने वाले स्कूली छात्रों से छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर 34 छात्रों से ₹800 प्रति छात्र की दर से वसूल किए। कई छात्रों से हजार बारह सौ ₹ भी लिए और छात्रवृत्ति दिलाने का वादा किया। किंतु छात्रों से पैसा लेने के 2 वर्ष बाद भी आज तक समिति प्रबंधक इन छात्रों को वर्ष 2020- 21 की छात्रवृत्ति नहीं दिला पाए नाही छात्रों का पैसा वापस किया।जो कि पालकों की खून पसीने की गाढ़ी कमाई का हिस्सा था। जबकि वर्ष 2022 की छात्रवृत्ति छात्रों को मिल चुकी है। तेंदूपत्ता संग्रहण केंद्र गनियारी समिति प्रबंधक लक्ष्मी नारायण भोई के भ्रष्टाचार की कहानी बेहद लंबी है। उनकी समिति में वर्ष 2013-14 से लेकर आज तक समिति का ऑडिट भी नहीं कराया गया है।मामले की पूरी कहानी अगले अंक में पुन: प्रकाशित की जाएगी।

फिलहाल मामला गरीब छात्रों से ठगी का है वह गरीब छात्र जो वन क्षेत्र में रहते हैं एवं बेहद कठिनाई से अपना जीवन यापन मां बाप के भरोसे रहकर पढ़ाई लिखाई करते हैं। सूत्रों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि समिति प्रबंधक लक्ष्मी नारायण भोई ने अलग-अलग स्कूलों में छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर छात्रों से ₹800 से लेकर ₹1000 और 1200 रूपए तक की वसूली की और छात्रवृत्ति दिलाने की बात कही लेकिन वह छात्रवृत्ति नहीं दिला पाए। इस संबंध में समिति प्रबंधक लक्ष्मीनारायण भोई का कथन लेने का प्रयास किया गया। किंतु उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इसी तरह इस संबंध में जानकारी लेने के लिए वन परिक्षेत्र अधिकारी संतोष चौहान से संपर्क करने की कोशिश की गई। किंतु वह दौरे पर होने के कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका। उनका पक्ष जानने के लिए संवाददाता ने बाकायदा उनके कार्यालय में जाकर कार्यालय में मौजूद बीट गार्ड एवं एक अन्य डिप्टी रेंजर को जानकारी दी गई थी। किंतु वन परीक्षेत्र अधिकारी की ओर से कोई जवाब संवाददाता तक नहीं आया। अतः संबंधित ठगों का पक्ष जाने बिना समाचार प्रकाशित किया जा रहा है। आगामी अंक में समिति प्रबंधक की ठगी के और मामले का हम करेगा। साथ ही समिति में आडिट न करवाने एवं उसके पीछे छिपे रहस्य को भी उजागर किया जाएगा।खबर प्रकाशन के बाद क्या होता है जानकारी के लिए लगातार हम से बने रहिए.तथा अपनी राय भी दीजिए इस व्यक्ति के ऊपर कार्यवाही होनी चाहिए।