एक तरफ रेत का अवैध उत्खनन तो दूसरी ओर बेलगाम सरपट दौड़ रहे भारी भरकम वाहन, हादसों को सरे आम नेवता गंभीर हादसो के बाद जग बैठता है विभाग आखिर क्यों

एक तरफ रेत का अवैध उत्खनन तो दूसरी ओर बेलगाम सरपट दौड़ रहे भारी भरकम वाहन, हादसों को सरे आम नेवता  गंभीर हादसो के बाद जग बैठता है विभाग आखिर क्यों

संवाददाता हरी देवांगन 

जिला उपमुख्यालय चांपा: एक तथ्य हर किसी के दिमाग में बिजली की भांति कौंधने लगता है जब क्षेत्र में कोई जानो माल का नुकसान होता है तो पुलिस सहित यातायात विभाग एक्शन मोड में क्यों आ जाता है, लगातार इस तरह का कार्यवाही कर गंभीर हादसों को नियंत्रित करने का हर दिन हर पल प्रयास क्यों नहीं होता क्या है, भला इस पर क्या जवाब पुलिस सहित यातायात विभाग के पास होगा,,,,?

जिले में रात और दिन जहां एक तरफ हसदेव नदी के तट से रेत का अवैध उत्खनन परिवहन चल रहा है,तो वहीं दूसरी ओर ट्रैक्टर से लेकर भारी भरकम वाहन रात दिन गली मोहल्ले सहित राष्ट्रीय राजमार्ग में साक्षात मौत का न्योता लेकर किस तरह से सरपट दौड़ते हुए मिल जाएंगे,जो हर किसी के जीवन पर गंभीर खतरा मंडरा रहा होता है, इस पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी पैनी नजर बनाकर रखने के बजाय नजर चुरा कर क्यों लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने की इन्हें इजाजत दिया जाता है, यह आज के परिपेक्ष में एक बड़ा यक्ष प्रश्न बन चुका है,बता दें कि जिले में अधिकतर ट्रैक्टर चालक नाबालिक और बिना लाइसेंस, नशे के हालात में सरे आम तीव्र गति से वाहन चलाते हुए मिल रहे हैं, पर पुलिस सहित यातायात विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को इस बात से कोई लेना-देना नहीं है, ऐसी हालत में गर कोई हादसा हो जाता है तो फिर इसका जिम्मेदार कौन होगा,यह लगातार देखने में मिल रहा है जहां कहीं भी जिले में कोई हादसा होता है तो पुलिस सहित यातायात विभाग कार्रवाई करने के मूड में केवल दिखावा के सिवा और कुछ कर पाने में असमर्थ है, जहां दूसरी तरफ नजरे बचा कर इधर-उधर चौक चौराहा में उनके द्वारा जमकर वसूली अभियान को भ्रष्टाचार के आड़ में शिवाय जनता को धोखा देने का कुछ कर पाने मैं शून्य साबित हो चुका है,और ऐसे ही किसी बड़ी लापरवाही का नतीजा है कि कुछ रोज पहले चांपा के हनुमान धारा में एक मासूम बच्चा ऐसी ही लापरवाही का भेंट चढ़कर अकाल मौत के गाल में समा चुका है,इसके उपरांत जिले के पुलिस सहित यातायात विभाग लापरवाह वाहन चालक, बगैर लाइसेंस सहित सड़कों पर बेतरतीब वाहन खड़े करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुट गया, आखिर इस तरह का दिखावा वाली कार्यवाही करने का नतीजा क्या होता है, शिवाय भ्रष्टाचार अथवा वसूली अभियान का,सचमुच यदि विभाग क्षेत्र में दुर्घटनाओं को नियंत्रित करना चाहता है तो नियमित रूप से सड़कों पर पैनी नजर बनाकर रखा जाए और लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए पाए जाने पर नियम पूर्वक और गंभीर कार्यवाही करने से हादसों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकता है,

,,,, यह चैनल संबंधित विभाग को यह सुझाव भी देना चाहता है कि क्षेत्र में पुनः नाका (बैरियर सिस्टम) को प्रारंभ कर यातायात नियमों के बेहतर संचालन सहित लापरवाह वाहन चालकों पर, शिकंजा कसने के लिए नियमित लाइसेंस की जांच पड़ताल,चालक का उम्र, नशे की स्थिति आदि पर निगाह रखने के लिए बैरियर( चौकी) का पुनः स्थापन किया जाना चाहिए और यहां से गुजरने वाले वाहनों को आगे बढ़ाने की इजाजत दी जानी चाहिए, तो निसंदेह जिले में हो रही गंभीर दुर्घटनाओं को नियंत्रित किया जा सकता है,,,,।