चाणक्य नीति

चाणक्य नीति
चाणक्य नीति

पाचन तंत्र के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण है, कई लोगों की आदत होती है खाना खाते वक्त पानी पीने की. स्वास्थ के लिहाज से ऐसा करना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है. चाणक्य ने श्लोक के माध्यम से बताया है कि भोजन करने के बीच पिया गया पानी जहर के समान होता है. ईइससे कई रोग पैदा हो सकते हैं. स्वास्थ की दृष्टि से खाना खाने एक घंटे बाद पानी पिना अच्छा माना जाता है.

अन्नाद्दशगुणं पिष्टं पिष्टाद्दशगुणं पयः

पयसोऽष्टगुणं मांसं मांसाद्दशगुणं घृतम्

चाणक्य श्लोक में बताते हैं सेहत के लिए कच्चे की बजाय अधिक पिसा हुआ अनाज बहुत लाभदायक होता है. वहीं पीसे हुए अनाज के मुकाबले दूध बहुत पौष्टिक होता है, दूध से 8 गुना फायदेमंद है मांसाहार भोजन और मांस से 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है गाय का घी. शुद्ध घी खाने से हडि्डयों मजबूत होती है. इसमें मौजूद तत्व व्यक्ति को ताकत प्रदान करते हैं. चाणक्य ने स्वास्थ को लेकर एक रामबाण औषधी का भी जिक्र किया है. चाणक्य के अनुसार गिलोय का सेवन व्यक्ति को रोगों से कोसों दूर रखता है. गिलोय संक्रमण से दूर रहने में मदद करता है.

स्वास्थ को लेकर चाणक्य की ये बातें व्यक्ति को तंदरुस्त रखने में मदद करती है. कहते हैं स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन योग, सयंमित नींद और अच्छा आहार बहुत जरूरी है. सेहत ठीक रहेगी तो सफलता भी जरूर प्राप्त होगी.