महिलाएं वजाइनल सिस्ट को नहीं करें नज़रअंदाज वरना बढ़ सकती है परेशानी, जानिए

महिलाएं वजाइनल सिस्ट को नहीं करें नज़रअंदाज वरना बढ़ सकती है परेशानी, जानिए

हेल्थ टिप्स: महिलाएं अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज करती है। महिलाओं की खान-पान से लेकर उनकी सेहत के प्रति लापरवाही ही उन्हें जाने अनजाने में कई बीमारियों का शिकार बना देती है।इस लापरवाही की वजह से महिलाओं में कई ऐसे हेल्थ इश्यू पैदा हो जाते हैं जिसे वो सीरियसली नहीं लेती हैं। वजाइनल सिस्ट भी एक ऐसी परेशानी है जो वजाइना में होती है।

महिलाओं में होने वाली इस बीमारी के लक्षण आसानी से नहीं दिखते हैं। महिलाओं में होने वाली इस परेशानी के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे बच्चे के जन्म के दौरान चोट लगना, वजाइना में तरल पदार्थ का निर्माण होना, वजाइना में ट्यूमर होने के कारण भी सिस्ट हो सकती है। अब सवाल ये उठता है कि वजाइनल सिस्ट क्या है और उसके लक्षणों की पहचान कैसे करें।

वजाइनल सिस्ट क्या है? 

गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर वैशाली जैन के मुताबिक किसी भी महिला को ये बीमारी पूरी उम्र में एक या दो बार होती है। वजाइनल सिस्ट अंडाशय में होने वाली गांठ है। विशेषज्ञों के मुताबिक वजाइनल सिस्ट के ज़्यादातर मामले गंभीर नहीं होते हैं। इस परेशानी के लक्षण आसानी से नहीं दिखते। वजाइनल सिस्ट में ‘गांठ’ वजाइना के नीचे पाई जाती है। अंडाश्य में द्रव की थैली इकट्ठा होने को वजाइनल सिस्ट बोला जाता है। ये सिस्ट दो से तीन महीने में खुद ही डिजॉल्व हो जाते हैं। इन सिस्ट से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती। इन सिस्ट की वजह से कैंसर का खतरा ना के बराबर होता है।

वजाइनल सिस्ट के लक्षण

महिलाओं में वजाइनल सिस्ट के आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते। महिलाओं को किसी और परेशानी की वजह से जब डॉक्टर वजाइना का एग्जामिन करती है तो उस समय ये सिस्ट दिख जाती है। कई बार अल्ट्रासाउंड करने से भी ओवेरियन सिस्ट दिख सकती है।

इंफेक्शन होने पर या इनका साइज बड़ा होने पर ओवेरियन सिस्ट के लक्षण दिखने लगते हैं। इनके लक्षणों की बात करें तो पेट का फूलना, गैस बनना, खाना नहीं पचना, पेडू में दर्द होना,सूजन और कब्ज की परेशानी होना शामिल है। उल्टी और जी मिचलाना जैसे लक्षण भी ओवेरियन सिस्ट के हो सकते हैं।

वजाइना में लगातार इंफेक्शन होना भी ओवेरियन सिस्ट के लक्षण हैं।

सेक्सुअल इंटरकोर्स में परेशानी

इनग्रोन हेयर, स्किन पर दाद और मस्से होना।

हार्मोन में बदलाव होने की वजह से भी ये परेशानी हो सकती है।