एम्स में हुआ युवक का ब्रेन ऑपरेशन! फिर बजाता रहा पियानो! देखकर डॉक्टर रह गए दम

एम्स में हुआ युवक का ब्रेन ऑपरेशन! फिर बजाता रहा पियानो! देखकर डॉक्टर रह गए दम

मध्य प्रदेश: के एम्स  के डॉक्टर्स ने तो कमाल ही कर दिया. यहां के डॉक्टरों ने मरीज का सफल अवेक क्रैनियोटॉमी ऑपरेशन कर दिया और इस दौरान मरीज पूरे होश-ओ-हवाश में पियानो बजाता रहा. इसके साथ ही मरीब ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया.

ऑपरेशन के दौरान होश में था युवक 

  दरअसल, भोपाल  स्थित एम्स हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जरी विभाग में एक युवक का अवेक क्रेनियोटोमी ऑपरेशन किया गया. इस दौरान हैरान करने वाली बात ये रही कि इस ऑपरेशन के दौरान ये युवक पूरी तरह से होश में था. इस युवक के दिमाग का ट्यूमर मोटर क्षेत्र के एकदम पास था. ऐसे में जब इसका ऑपरेशन किया जा रहा था, तब मरीज को सामान्य एनेस्थीसिया में ऑपरेशन करने पर कमजोरी होने की संभावना थी. इस वजह से ये ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था, लेकिन युवक ने भी इस ऑपरेशन में डॉक्टरों की खूब मदद की और वह ऑपरेशन के दौरान पूरी तरह से होश में रहा. सर्जरी के दौरान इस युवक ने हनुमान चालीसा का पाठ किया, इतना ही नहीं उसने पियानो भी बजाया और मंदिर में आरती के समय बजाए जाने वाले मंजीरे भी बजाए.

सफलतापूर्वक निकाला गया ट्यूमर

हैरान करने वाली बात ये है कि पूरे ऑपरेशन के दौरान पेशेंट बिलकुल भी नहीं घबराया. वह एकदम सुकून के साथ ऐसे सर्जरी करता रहा, जैसे वह कटिंग करा हो. उसने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते डाॅक्टर्स को सर्जरी करने में मदद की. इसकी वजह से डॉक्टर्स ने युवक के दिमाग से सफलतापूर्वक ट्यूमर को निकाल कर अलग कर दिया.

बिहार के बक्सर जिले का रहने वाला 28 वर्षीय युवक बार-बार दौरे पड़ने की समस्या के बाद भोपाल एम्स के न्यूरोसर्जरी ओपीडी में आया था. जहां प्रो.अमित अग्रवाल, डॉ. आदेश श्रीवास्तव, डॉ. सुमित राज और डॉ. प्रदीप चौकसे ने मशवरा कर युवक की कमजोर होने के जोखिम को देखते हुए वेक क्रेनायोटॉमी करने का फैसला किया.

मरीज ने बजाया पियानो

डॉ. सुमित राज ने बताया कि डॉ.अमोल मित्तल और डॉ. रंजीत के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को किया. क्रेनियोटोमी के बाद ट्यूमर देखा गया. जब ट्यूमर को बाहर निकाला गया, उसी समय मरीज को पियानो बजाने के लिए कहा गया, सर्जरी की पूरी प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर लगातार मरीज से बात करते रहे.

सर्जरी की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद पेशेंट अपने शरीर के अंगों को आसानी से हिला पा रहा था, इसमें डॉ. आशुतोष कौशल और डॉ. अनुपमा की एनेस्थीसिया टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.