सिमी के आतंकवादियों को उम्रकैद की सजा, सबूत के अभाव में 4 बरी

सिमी के आतंकवादियों को उम्रकैद की सजा, सबूत के अभाव में 4 बरी

भोपाल: जिला अदालत ने सेंधवा मुठभेड़ कांड में सिमी के 8 आतंकियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. 9 साल बाद आए फैसले में इनमें से दो आतंकियों को ट्रिपल उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. जबकि दो आतंकियों को 10–10 साल की सजा सुनाई गई है. 4 आतंकियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया. इस मामले में अभियोजन ने 36 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे.

जिला अभियोजन जनसंपर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि एनआईए की विशेष कोर्ट ने सिमी के 4 आतंकियों अबु फजल को धारा 307, 468 भादवि 25, 27 आर्म्‍स एक्‍ट में 10 साल की सजा, 10 हजार का जुर्माना और इरफान नागौरी को धारा 307 भादवि 25/27 आर्म्‍स एक्‍ट में 10 साल की सजा, 10 हजार का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा कोर्ट ने आतंकी उमेर दण्‍डोती और मोहम्मद सादिक को धारा 4/5 विस्‍फोटक पदार्थ अधिनियम, धारा 16 विधि विरूद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत ट्रिपल उम्रकैद की सजा और 10-10 हजार का जुर्माने की सजा सुनायी है. इस मामले में शासन की ओर से पैरवी राजेन्‍द्र उपाध्‍याय, निरेन्‍द्र शर्मा, विक्रम सिंह विशेष लोक अभियोजक ने की

1 अक्टूबर 2013 को सिमी आतंकी अबु फैजल और उसके साथी खंडवा जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए थे. एटीएस आईजी को सूचना मिली कि खंडवा जेल से फरार सिमी के आतंकी महाराष्‍ट्र और मध्‍यप्रदेश के सीमावर्ती जिले में आने वाले हैं. इस पर 23–24 दिसंबर की दरमियानी रात एटीएस की टीम सेंधवा पहुंची. यहां पर अबु फैजल, इरफान नागौरी और खालिद अहमद की एटीएस की टीम के साथ मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ के दौरान सिमी के तीनों आतंकियों को एटीएस की टीम ने पकड़ लिया और उनके पास से पिस्‍टल, कारतूस बरामद किए