सरकारी जमीन को खुद के नाम में रजिस्ट्री करवा कर बेच रहे हैं करोड़ों में

सरकारी जमीन को खुद के नाम में रजिस्ट्री करवा कर बेच रहे हैं करोड़ों में

रिपोर्टर हनिश कुमार करटामी 

सुकमा: नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 03 कस्तूरबा गांधी आश्रम के बगल में वन भूमि का 5 एकड़ जमीन को वार्ड क्रमांक 02 के कांग्रेस पार्षद शेख गुलाम के द्वारा खुद के नाम पर रजिस्ट्री करा कर जमीन बेचा जा रहा है ऐसा सूत्रों के हवाले से पता चला है, आपको ज्ञात हो कि वन विभाग द्वारा उक्त स्थान (जमीन) में बाउंड्रीवाल बनाया गया है।

सूत्रों के हवाले से जानकारी प्राप्त हुई है कि 07 से 08 लोगों से लगभग ₹ 15000000/- (एक करोड़ पचास लाख रुपए) लेकर रजिस्ट्री कर जमीन बेचा जा रहा है. ऐसे जमीन के दलालों से सुकमा जिला को बचाने की आवश्यकता है इन लोगों के ऊपर उचित कार्यवाही होनी चाहिए, सूत्रों के अनुसार इन जमीन दलालों के द्वारा पूर्व में भी जमीन से जुड़ी 420 उजागर हो चुका है.

सुकमा जिले एक दालाली नेता शेख गुलाम सेट जो उनके पूर्रवजों से उनके दादा, परदादा से कमाया गया जमीन को अपने नाम से पटटा बनवा कर दूसरो को 1.50 करोड़ रुपये में बेचा जा रहा है। यहा शर्म की बात है।आदिवासी की परम्पराओं से खेती करने वाला जमीन को एक मुस्लिम ब्याकित्त के द्वारा बेचा जा रहा है। सुकमा जिले के सभी पंचायतों में अभी वर्तमान में वन आधिकार मान्यता प्राप्त 2006/07 संशोधित आदेश 2013 के अन्तर्गत पंचायतों में सीमांकन कार्य चल रहा है। सबसे पहले तो शहरों में, सुकमा, दोरनापाल, कोंटा, गादीरास छिंदगढ, कुकानार, तोंगपाल जैसे स्थनों पर सीमांकन कार्य किया जाना अतिअवशयक है । ग्रामीण क्षेत्र में हमारे पूवर्जों की (कथन ) के आनुसार विलंब से भी सीमांकन किया जा सकता है। शहरों में पेशा कानून का पूरा उल्लंघन किया जा रहा है। सुकमा जिले के अन्तर्गत सभी शहरों में Thoder cost के लोग लौटा पकड कर आते हैं और

वहीं ब्याकित्त करोड पत्ति -अरब पत्ति बन कर आदिवासीयों का शोषण करते हैं। जो कि इस सुकमा जिले के माता रामारामीन (चिक-मिटीन अम्बा) के मूल निवासीयों के लोग लूट रहे हैं। और दूसरा विषय यहाँ है कि गैर आदिवासी वाले लोग यहां निवास करते - करते भतीजा, भाई, चाचा, का रीस्ते -नाथे बना कर नौकरी तक कर रहे हैं। इस विषय पर सर्व आदिवासी समाज को गंभीरतापूर्ण निर्माण लेना चाहिए।बस्तर संभाग में पेशा कानून का पूरा उल्लांघन किया जा रहा है। इस दालाल की जमीन को जाँच कर कार्यवाही करना चाहिए। साथ में पटवारी या आरआई और तहसीलदार के किलाप भी कार्यवाही कारना चाहिए।