फूड इंस्पेक्टर को कलेक्टर ने निलंबित ! लाखो लीटर पानी को बांध से फिंकवा दिया

फूड इंस्पेक्टर को कलेक्टर ने निलंबित ! लाखो लीटर पानी को बांध से फिंकवा दिया

कांकेर: पार्टी करते हुए डेढ़ लाख रुपए का मोबाइल बांध के एक हिस्से में गिरने के बाद इसे ढूंढने के लिए चार दिन में करीब लाखों लीटर पानी दो पंपों से फिंकवाने वाले फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है। विभागीय तौर पर यह बात आई थी कि बांध से करीब 21 लाख लीटर पानी बाहर निकाला गया था, लेकिन प्रशासन की जांच में खुलासा हुआ कि चार दिन में 41 लाख लीटर पानी बहा दिया गया था।

बांध से पानी निकालने की मौखिक अनुमति देने वाले जल संसाधान विभाग के एसडीओ आरसी धींवर को भी प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है। माना जा रहा है कि एसडीओ पर शनिवार को जवाब मिलने के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

पखांजूर में पदस्थ फूड इंस्पेक्टर विश्वास रविवार को अपने दोस्तों के साथ परलकोट डैम के स्केल वाय में पार्टी मनाने गया था। इस दौरान उसका डेढ़ लाख रुपए का मोबाइल फोन पानी में गिरा। तब स्केल वाय का जलस्तर 10 फीट था। अगले दिन एसडीओ से कथित तौर पर सहमति लेने के बाद विश्वास ने बांध का पानी निकालने के लिए 30-30 एचपी के दो पंप लगवाए।

वह पानी निकलवाने के लिए छतरी लगवाकर खुद बैठ गया। चार दिन में जलस्तर 4 फीट पर आ गया, तब गोताखोरों को मोबाइल मिला। हालांकि यह चालू नहीं हुआ और बात भी फैल गई। कलेक्टर ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर शुक्रवार को दोपहर ही फूड इंस्पेक्टर को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया और एसडीओ को नोटिस दिया गया। सूत्रों के मुताबिक एसडीओ से व्यर्थ बहाए गए पानी की राशि वसूलने का आदेश भी जारी करने की तैयारी है।

सोशल मीडिया पर सीएम की पोस्ट-गड़बड़ी पर तुरंत एक्शन

मामला उजागर होने तथा तुरंत कार्रवाई के बाद सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि किसी भी तरह की गड़बड़ी करनेवालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा रही है। इससे पहले, पूर्व सीएम डा. रमन सिंह और विधायक अजय चंद्राकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में यह मुद्दा उठाकर शासन को घेरा था।

बहाए गए पानी का आंकलन लाखों रुपए की वसूली संभव

बांध से पानी बहाने के मामले में जल संसाधन विभाग सुबह से ही सक्रिय हो गया था। कलेक्टर के अलावा एसडीओ को कांकेर के अधीक्षण यंत्री ने भी नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था। विभाग ही आंकलन कर रहा है कि 41 लाख लीटर पानी बर्बाद किया गया है, इसलिए व्यावसायिक मूल्य पर वसूली एसडीओ के वेतन से की जाए। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस आशय का आदेश होने पर एसडीओ के वेतन से लाखों रुपए काटे जा सकते हैं।