प्रश्न उठना तो लाजमी है,,, थोक के भाव में जमा हो रहे जरूरी दस्तावेज को शासन प्रशासन क्या रख पाएगा सुरक्षित,,? लाभान्वित होने के चक्कर में कहीं जनता से तो नहीं हो रही बड़ी भूल

प्रश्न उठना तो लाजमी है,,, थोक के भाव में जमा हो रहे जरूरी दस्तावेज को शासन प्रशासन क्या रख पाएगा सुरक्षित,,?    लाभान्वित होने के चक्कर में कहीं जनता से तो नहीं हो रही बड़ी भूल

संवाददाता हरी देवांगन

जिला उपमुख्यालय चांपा: इन दिनों क्या अमीर क्या गरीब क्या शिक्षित क्या अशिक्षित सभी शासन के योजना भली भांति समझे एवं जाने बिना योजना के अनुसार खरा उतरने के लिए विभिन्न किस्म का फॉर्म भरने के वास्ते अपना गोपनीय और जरूरी दस्तावेज को थोक के भाव में जमा करने के लिए विवश हैं,ऐसी हालत में यह प्रश्न उठना लाजिमी है क्या शासन प्रशासन आम जनता के जरूरी और गोपनीय दस्तावेज को सुरक्षित रख पाएगा,खासकर अव्यवस्थित आंगनबाड़ी जैसे केंदौ के विश्वसनीयता पर कई बार सांवलिया निशान लगाते रहे हैं,ऐसे हालात में सीधे-साधे गरीब असहाय जनता के द्वारा जमा की जा रही तमाम जरूरी दस्तावेज की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाना तो लाजमी है,,,,,?

इन दिनों राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना और छत्तीसगढ़ शासन का महतारी वंदन योजना और केंद्र कृत उज्ज्वला योजना को लेकर अति उत्साह सहित बड़ी आपाधापी की माहौल देखने को मिल रहा है,चारों तरफ मुख्य मार्ग सहित चौक चौराहा में क्या गरीब क्या अमीर का शिक्षित क्या अशिक्षित क्या शहरी और क्या ग्रामीण सभी यहां से वहां अपने जरूरी दस्तावेज को लेकर आती-जाते भटकते दिखाई पड़ रहे हैं, यहां बताते चलें कि अनेकों जरूरी दस्तावेज चॉइस सेंटरों सहित आंगनबाड़ी केदो में योजना के अनुसार जमा करना अनिवार्य हो गया है,कहीं हमारा फॉर्म रिजेक्ट ना हो जाए इसलिए जो जरूरी दस्तावेज मांगे नहीं गए हैं उन्हें भी जमा करने की सरपट दौड़ देखी जा रही है, यहां किसी चॉइस सेंटर पर आरोप नहीं लगाया जा रहा है, बल्कि जरूरत के अनुरूप इन केंद्रों में जरूरी दस्तावेज को सरकारी वेबसाइट में अपलोड किया जा रहा है,ऐसे हालात में जागरूक लोगों के मन में गलत उपयोग (miss use)ना हो इस बाबत यह प्रश्न बिजली की भांति कौंध रहा है,क्योंकि संबंधित आवेदन फार्म जमा करने के लिए मांगे जाने पर जरूरी

दस्तावेज आम जनता के द्वारा थोक के भाव में अपलोड करना पड़ रहा है,निर्दोष चॉइस सेंटर के संचालकों को आगामी दिनों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी सामने आने पर इन्हें ही अंततः जवाब देना पड़ सकता है,जबकि यहां होने वाली गड़बड़ी में इन्हें कोई लेना-देना नहीं है, तो वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय आंगनबाड़ी केंद्रों में सारे दस्तावेज की फोटो कॉपी को भी जमा करना आज के परिपेक्ष में एक बड़ी मजबूरी बन चुकी है, हम सभी भली-भांति जानते हैं, इसके पूर्व कथित कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर तरह-तरह के प्रश्न दागे जाते रहे हैं,ऐसे हालात में सर्वाधिक आंगनबाड़ी में जरूरी दस्तावेज को जमा किया जा रहा है, इन केंद्रों में जमा की फार्म पर जरूरी रिसिप्ट तक नहीं दिया जा रहा है, ऐसी स्थिति में जनता द्वारा जमा की जा रही आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासबुक, मृत्यु प्रमाण पत्र,सहित तमाम किस्म के जरूरी और गोपनीय दस्तावेज को जमा करना सुरक्षा के मद्देनजर एक गंभीर समस्या जरूर खड़ा हो सकता है,

कई समाचार चैनलों सहित विभिन्न सूत्रों के हवाले से यह संदेह जताया जा रहा है कि इन योजनाओं के तहत जमा दस्तावेजों में ना जाने कितने सारे लोगों का आवेदन विभिन्न कारणों से निरस्त हो सकते हैं,ऐसे हालात में जरूरी दस्तावेजों को इन संबंधित केदो से वापस किया जाएगा या फिर उन्हें सुरक्षित ढंग से नष्ट कर दिया, या फिर किसी कचरे के देर के हवाले होगा जाएगा इसे भी लेकर संदेश भरे प्रश्न खड़े होना लाजिमी हैं,और यही वजह है कि कई शिक्षित एवं जागरूक लोगों के द्वारा प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना सहित छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना का फॉर्म को जमा करने के नाम पर जरूरी दस्तावेज देने को तैयार नहीं हो रहे हैं वेट एंड वॉच की शैली को अपनाया जा रहा है, इसके पीछे सबसे बड़ी वजह जरूरी और गोपनीय दस्तावेजों की सुरक्षा को आधार बनाया जा रहा है,ऐसी स्थिति में जनमानस के मन में जरूरी कागजातों को लेकर सुरक्षा का ग़म सताने भी लगा है,अब देखना कुछ अंतराल के बाद आम जनता के द्वारा जमा की जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत उन्हें लाभ मिलता है या उनके आवेदन निरस्त होते हैं या फिर उनके जरूरी कागजातों क्या अंजाम होगा भविष्य के गर्भ में समाया हुआ है,,।