नदियों का अस्तित्व खतरे में, धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन जारी, स्थानीय शासन-प्रशासन मौन

नदियों का अस्तित्व खतरे में, धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन जारी, स्थानीय शासन-प्रशासन मौन

संवादाता हनुमान प्रसाद यादव 

एमसीबी: जिले में अवैध रेत उत्खनन चल  रही जोरों पर बता दें कि विकासखंड भरतपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत ठिसकोली आने वाले   गोपत   नदियों में धड़ल्ले से बिना डरे अवैध रेत का उत्खनन कर रहे हैं रेत माफिया खुली आजादी से रेत निकाल रहे हैं। कि मानो  वहां उनकी ही  संपत्ति है बिना डरे रात और दिन सुबह शाम लोडिंग कर  रहे है रेत को बेच रहे हैं जिससे शासन  प्रशासन  को बड़ा चुना लग रहा है इन माफियाओं के ऊपर विभाग में कोई एक्शन लेते नहीं दिख रहा है। सर्वाधिक रेत का उत्खनन  ग्राम पंचायत ठिसकोली और गोइनी को जोड़ने वाली गोपद नदी से किया जा रहा है जहां रेत माफिया रोजाना हईवा के जरिए। से नदी का सीना चीर कर रेत उत्खनन में लगे हुए हैं।

रेत माफिया इतना चतुर है की अपनी गाड़ी अलग-अलग जगहों पर लोगों को विभाग को चौका कर लगा रहे हैं ताकि उन तक पहुंच ना सके रेत माफियाओं ने रात या दिन में गाड़ी लगाकर लोडिंग भर कर अवैध रेत की चोरी कर रहे हैं और रेत का उठाव कर बेच रहे हैं नदियों में अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन  प्रशासन  को लाखों रुपए के  रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है इसके साथ ही नदियों के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है कई जगह नदियों में रेत की खदान इतनी ज्यादा बढ़ गए हैं कि वहां जनजीवन पर भी इसका असर देखने लगा है स्थानीय व जिला  शासन प्रशासन के  अधिकारियों ने  मौन  है। अधिकारियों। के द्वारा कारवाही नहीं किए जाने के कारण अवैध रूप से रेत उत्खनन कर्ताओं के हौसले बुलंद हो गये है।