गौरव पथ के माथे पर आखिरकार जानलेवा गड्ढे का क्या है शबाब? यह खुला मुंह जैसा कुआं

गौरव पथ के माथे पर आखिरकार जानलेवा गड्ढे का क्या है शबाब? यह खुला मुंह जैसा कुआं

रिपोर्टर हरी देवांगन

चांपा: चांपा नगर का गौरव समझे जाने वाला गौरव पथ, नया नगर पालिका भवन,पीएचई कार्यालय,सहित महाराणा प्रताप बस स्टैंड अति महत्वपूर्ण जन-जन प्रिय देसी शराब भट्टी की स्थापना भी यही आस पास देखा जा सकता है,जैसे महत्वपूर्ण मार्ग पर बे घर संसार वालों का सहारा आश्रय स्थल के निकट इस कदर जानलेवा गड्ढा वह भी खुला पड़ा हो आखिरकार यह किस गंभीर हादसों की ओर इशारा कर रहा है,यह कहने और बताने वाली बात नहीं है,जी हां हम इशारा कर रहे हैं चांपा नगरपालिका के निकट बने हुए आश्रय स्थल का जहां समय-समय गरीब एवं मजबूरो को चंद रोज के लिए छत मुहैया कराने की गरज से आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया है,जहां निकट में ही गौरव पथ के छाती छलनी करने के लिए जिम्मेदारों ने जानलेवा गड्ढा को मरम्मत कराने के बजाय इस कदर मौत की कुआं की भांति खुला छोड़ दिया गया है

 जहां कभी भी कुछ भी हादसा हो सकता है दुर्भाग्य वश यदि कोई मदिरा प्रेमी नशे में टुन हो कर इस गड्ढे में समा गया तो या फिर यदि इस आश्रय स्थल में कोई गरीब बेसहारा परिवार अपने बाल बच्चों के साथ ठिकाना पाने के लिए यदि पहुंच जाता है और ऐसी स्थिति में लापरवाही से उनके मासूम बच्चे इस जान लेवा गड्ढे में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त होता है अथवा हजारों की संख्या में आने जाने वाले राहगीरों में यदि कोई इस खुले मुंह वाले कुआं नुमा गड्ढे में फिसल जाए तो फिर इसका जिम्मेदार कौन होगा,यह सब केवल आज देखने को नहीं मिल रहा बल्कि पिछले कई सालों से

 यह गौरव पथ के माथे पर बदनुमा दाग की तरह प्रतीत हो रहा है,यदि यह बड़ी लापरवाही दूर किसी सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में देखने को मिलता है तो इसे बड़ी बात नहीं कही जा सकती यह उस स्थान पर गड्ढे को खुला छोड़ दिया गया है जहां महत्वपूर्ण कई कार्यालय सहित यह मार्ग महाराणा बस स्टैंड को जाता है जहां हर पल सैकड़ों की तादाद में छोटे-बड़े वाहन सहित अनगिनत राहगीर आते जाते देखे जा सकते हैं ऐसी स्थिति में यह गंभीर हादसा को खुला न्यौता देने से कम नहीं आंका जा सकता क्या नगर विकास के नाम पर इस तरह की बड़ी लापरवाही को नगर विकास का हिस्सा माना अथवा समझा जा सकता है यह सोचने समझने वाली बात है,,,,।