कोरबा सीट पर दो दिग्गज महिलाओं की घमासान वोटिंग युद्ध…होगा कांटे की है टक्कर…कहा जा रहा है ‘दीदी’-और ‘भाभी’ में जंग कौन मारेगी बाजी…

कोरबा सीट पर दो दिग्गज महिलाओं की घमासान वोटिंग युद्ध…होगा कांटे की है टक्कर…कहा जा रहा है ‘दीदी’-और ‘भाभी’ में जंग कौन मारेगी बाजी…

जिला संवाददाता रामखिलावन यादव कमरीद

 जांजगीर चांपा: कोरबा लोकसभा सीट पर इस संसदीय चुनाव में दो महिला दिग्गज नेताओं के बीच सीधी टक्कर है। कांग्रेस (Congress) की ज्योत्सना महंत के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी (BJP) की फायरब्रांड नेता सरोज पांडेय चुनाव मैदान में है।

चुनावी मौसम में ज्योत्सना महंत को कांग्रेस की ‘भाभी’ जबकि सरोज पांडे को बीजेपी की ‘दीदी’ नाम दिया गया है। भारत अल्युमिनियम लिमिटेड कंपनी (BALCO), NTPC और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की कोयला खानों की बदौलत ‘उर्जाधानी’ और ‘काले हीरे की खान’ जैसे नामों से प्रसिद्ध कोरबा पूर्व में जांजगीर-चांपा लोकसभा का हिस्सा रहा।

2008 में मिली अपनी पहचान

साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद कोरबा अलग लोकसभा सीट बनी थी। इसके बाद यहां 2009, 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को दो बार जीत का स्वाद चखने को मिला है। वहीं बीजेपी को एक बार जीतने का मौका मिला। हालांकि वह इस बार 2024 के चुनाव में यह हिसाब बराबर करने के फेर में हैं।

चुनावी इतिहास

बता दें कि, साल 2009 में कोरबा लोकसभा सीट के लिए पहले चुनाव में कांग्रेस ने फतह हासिल की और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के कद्दावर नेता चरणदास महंत ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को पराजित किया। इसके बाद 2014 के आम चुनाव के दौरान मोदी लहर का बीजेपी को लाभ मिला और उसके उम्मीदवार बंशीलाल महतो ने कांग्रेस के महंत को हराकर यह सीट छीन ली।

फिर साल 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत को चुनाव मैदान में उतारा। दूसरी तरफ बीजेपी ने नए चेहरे पर दांव आजमाते हुए ज्योतिनंद दुबे को अपना उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में महंत ने दुबे को पराजित कर यह सीट फिर से अपनी पार्टी के खाते में डाल दी।

कांटे की है टक्कर

जानकारी के अनुसार, बीजेपी ने चुनावी व्यूह और रणनीति का परिचय देते हुए इस लोकसभा चुनाव में पार्टी की महिला मोर्चा अध्यक्ष एवं पार्टी महासचिव सरोज पांडेय को महंत के मुकाबले खड़ा किया है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग से सांसद और वैशालीनगर से विधायक रही पांडेय ने बीजेपी महिला मोर्चा अध्यक्ष का दायित्व भी निभाया है।अब देखना ये है कौन किस पर पड़ता है भारी भाभी या दीदी

कब होंगे मतदान?

ज्ञात हो कि, हसदेव और अहिरन नदी के किनारे बसे तथा हरे-भरे वनों से आच्छादित कोरबा लोकसभा क्षेत्र में आधी आबादी आदिवासियों की है। हालांकि यह सीट सामान्य कैटेगरी के लिए आरक्षित है। कोरबा में तीसरे चरण में आगामी 7 मई को चुनाव होंगे।

विधानसभा क्षेत्र 

दरअसल, उद्योग और कृषि दोनों क्षेत्रों में करीबन समानुपात अर्थव्यवस्था पर निहित कोरबा लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें हैं। वर्तमान में 6 सीटों कोरबा, कटघोरा, मनेंद्रगढ़, भरतपुर-सोनहत, बैकुंठपुर और मरवाही में बीजेपी का कब्जा है। वहीं, रामपुर कांग्रेस और पाली तानाखार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के हिस्से में है।

मतदाताओं की संख्या

फिलहाल, कोरबा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा (संसदीय) निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। 2019 लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के अनुसार, कोरबा संसदीय सीट पर कुल मतदाता लगभग 15,08,840 हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में कोरबा संसदीय सीट पर मतदान प्रतिशत 75.38 था।