एक जिंदा मासूम बच्चों को गंगा नदी में कैसे डुबोकर मां-बाप मार डाल रहे हैं! देखिए पूरा वीडियो

एक जिंदा मासूम बच्चों को गंगा नदी में  कैसे डुबोकर मां-बाप मार डाल रहे हैं! देखिए पूरा वीडियो

 हरिद्वार: में घटी इस घटना ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं। यहां दिल्ली के एक परिवार ने अपने मासूम बच्चे को गंगा में डुबोकर मार डाला! बच्चा तड़पता रहा और परिवार के सदस्य जबरन उसे पानी में डुबोते रहे। यह देख स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए और बच्चे को इस परिवार के चंगुल से छीनकर पानी से बाहर निकाला लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। काफी समय तक पानी के अंदर रहने के कारण बच्चा मर चुका था! इस क्रूरता पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।

इस परिवार के सदस्यों की पिटाई कर दी। बाद में इन्हे पुलिस को सौंप दिया गया। इस पूरे मामले में तंत्र क्रिया की आशंका भी सामने आ रही है। परिवार के लोगों ने अलग-अलग बयान दिये हैं। माता-पिता और मौसी से पूछताछ की जा रही है। परिवार के सदस्यों ने कहा है कि बच्चा ब्लड कैंसर से पीड़ित था। एक बयान भी आया है कि बच्चे की पहले ही मौत हो चुकी थी उन्हे उम्मीद थी कि गंगा में डुबकी लगाने से बच्चे की जान वापस आ सकती है। इसलिए परिवार मरे हुए बच्चे को पानी में डुबो रहा था

पुलिस पूछताछ में ये बात भी सामने आ रही है कि बच्चा ब्लड कैंसर से पीड़ित था। चिकित्सकों ने इसे लाइलाज घोषित कर दिया था। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यह परिवार बच्चे का आगे इलाज नहीं कराना चाहता था। इतना ही नहीं इस परिवार ने क्रूरता के सारी हदें पार कर दी और बच्चे को गंगा में डुबोकर मार डाला। फिलहाल इन सभी अलग-अलग बयानों के अधारा पर पुलिस सही घटना को पुष्ट करने की कोशिश कर रही है। इस पूरे मामले की गहराई तक जाने के लिए पुलिस ने उस टैक्सी ड्राइवर को भी हिरासत में लिया है जो इस परिवार को दिल्ली से हरिद्वार लाया था।

https://x.com/Birendra_Fauji/status/1750195186184200538?s=20

इस टैक्सी चालक से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। मासूम बच्चे को गंगा में डुबोकर मार डालने वाला वीडियो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये घटना तांत्रिक क्रियाओं से जुड़ी है या फिर परिवार ने बच्चे के डुबोकर मारा है या फिर बच्चा पहले ही मर चुका था ? इन सभी सवालों का जवाब तलाशने के लिए पुलिस को अब बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। हरिद्वार पुलिस का कहना है कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।

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