9 करोड़ लागत की हमर जंगल हमर जीविका योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

9 करोड़ लागत की हमर जंगल हमर जीविका योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

संवादाता हनुमान प्रसाद यादव 

कोरिया: देवखोह में 2018-19 में आदिवासियों को सुविधाएं देने के लिए सरकार ने 9 करोड़ रुपए की लागत से हमर जंगल हमर जीविका योजना का विस्तार किया था. लेकिन आज 5 साल बाद भी 9 करोड़ रुपए की लागत की यह योजना बर्बादी की ओर है. धरातल पर यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है.

एक भी संबंधित योजनाएं सुचारू रूप से चल नहीं रही है.सरपंच का बयान: ग्राम पंचायत मुरमा के सरपंच उदय सिंह ने बताया कि "योजना को लेकर कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. तालाब भी ऐसी जगह में खुदवाया गया, जहां उसकी कोई भी उपयोगिता नहीं है. स्टाप डेम भी ऐसी जगह पर बनवाया गया है. जहां उसकी कोई भी जरूरत नहीं है. ग्रमीणों ने जो मांग किया था वो काम हुआ ही नहीं. विभाग ने मनमाने ढ़ंग से काम किया है."

 कोरिया की जिला पंचायत अध्यक्ष रेणुका सिंह ने बताया कि "पहले हमें बड़ी बड़ी बातें बताई गई थी, कि पहाड़ियों और खेतों में सुविधाएं मिलेंगी. बंजर जमीन है. वहीं विकास होगा. लेकिन जो जगह बंजर थी वो आज भी बंजर ही है. हलांकि वहां बहुत से बोर किए गए हैं. कई तरह के खनन किए गए हैं. लेकिन किसी में भी पानी नहीं आता है. 9 करोड़ की यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।  

सरकार ने आदिवासियों और जनजातियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए इस योजना का विस्तार किया था. लेकिन आज भी ग्रमीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. भ्रष्टाचार और बंदरबांट के चलते सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना गर्त में पहुंच गई है।