स्कूल में आवारा पशुओं का डेरा बच्चे कैसे करे पढ़ाई

स्कूल में आवारा पशुओं का डेरा बच्चे कैसे करे पढ़ाई

रिपोर्टर रामखिलावन यादव 

कमरीद: के समीपस्थ गांव कोसमंदा में राज्य शासन के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा,गरवा, घुरूवा, बारी को जनप्रतिनिधियों,गोठान समिति की लापरवाही ने ग्रहण लगा दिया है।जिला कलेक्टर व जिला सी ई ओ के कड़ी फटकार के बाद भी मवेशी लागातार रोड में नजर आ रहे है व खेतो में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है। गोठान में लाखों खर्च करने के बाद भी गिने चुने गोठान में ही मवेशी दिखाई दे रहे है अधिकांश गौठान सुने पड़े हुवे हैं।

 

*गोठान जनप्रतिनिधियों व गोठान समितियो का दुधारू गाय*

राज्य सरकार लाखो खर्च कर गोठान का निर्माण करवाया ,वर्मी कम्पोस्ट हेतु टैंक का निर्माण व कुटकुट पालन हेतु शेड का निर्माण कराया गया है ओ भी स्तरहीन ही है।गोठनो में एक भी पशु नही होने के बाद भी हर साल चारा के लिये लाखो का वारा न्यारा इनके द्वारा किया जा रहा है।

*स्कूल में बच्चों से ज्यादा जानवरो की संख्या*

कोसमन्दा जनपद प्राथमिक शाला परिसर में अहाता जगह-जगह से टूटे होने व गेट नही होने से स्कूल परिसर में पशुओं का डेरा रहता है।स्कूल समय मे परिसर से भगाने के बाद भी अंदर आ ही जा रहे है।यदि यही स्थिति रही तो जानवरों की लड़ाई के चपेट में बच्चे कभी भी आ सकते है