वर्ष 2013-14 में स्वीकृत आंगनबाड़ी भवन, 8 वर्ष बाद भी नहीं हुआ निर्माण कार्य पूरा

वर्ष 2013-14 में स्वीकृत आंगनबाड़ी भवन, 8 वर्ष बाद भी नहीं हुआ निर्माण कार्य पूरा

एमसीबी: जिला के विकासखंड भरतपुर अंतर्गत पूर्व ग्राम पंचायत नेरुआ के आश्रित ग्राम ढाब जहां वर्ष 2013-14 में आंगनबाड़ी भवन की स्वीकृति मिली थी, जिसका एजेंसी ग्राम पंचायत सरपंच नेरूआ के अधिनस्थ कार्य प्रारंभ करते हुए डोर लेवल तक कार्य कराया गया ,फिर ग्राम पंचायत परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत खोहरा में यह ग्राम को जोड़ दिया गया है, फिर वर्तमान सरपंच प्रमिला सिंह एवं भगवान सिंह सचिव द्वारा वर्ष 20 20 ,21 में छत ढलाई कराके छोड़ दिया गया है, 2 सरपंच मिलकर उक्त आंगनबाड़ी भवन का निर्माण कार्य कराया गया, फिर भी 8 वर्ष बाद भी यह कार्य पूरा नहीं हो सका,

वहां के बच्चे आज भी आंगनवाड़ी भवन में बैठने के लिए वंचित है, बच्चे बाहर बैठ कर पढाई करते है ,शासन की योजनाओं का वनांचल क्षेत्रों में कोई भी सही कार्य नहीं होता, जिससे वनांचल क्षेत्र में विकास आज भी कोसो दूर है, यहां के विकास सिर्फ कागज में सिमटकर रह जाता है यहाँ वोट मांगने के लिए नेता आते हैं और पब्लिक से विकास के कई बड़े-बड़े बातें कर के चले जाते हैं, और5 साल उन्हें कोई देखने, सुनने, और समस्या को जानने के लिए नहीं आते हैं, इस तरह से वनांचल क्षेत्र में विकास के कार्य कराया जाता हैं जिससे वनांचल क्षेत्र के गांव, विकास से वंचित है, यह आंगनबाड़ी भवन एक जांच का विषय बना हुआ है

शासन-प्रशासन इस भवन निर्माण कार्य का जांच कराया जाए और जांच कराते हुए भवन का कार्य पूर्ण कराया जाए जिससे बच्चे पक्के छत के नीचे बैठकर अध्यापन कार्य कर सके तथा संबंधित एजेंसियों को कार्य पूर्ण कराने के लिए एक समय अवधि निर्धारित कर कडी़ निर्देश दिया जाए, जिससे समय अवधि में कार्य पूर्ण हो, और वनांचल क्षेत्रों में भी समुचित ढंग से विकास के कार्य समय पर पूर्ण कराया जा सके, अब देखना यह है कि शासन प्रशासन इस वनांचल क्षेत्र के आधा अधूरा बना भवन निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराने का संज्ञान लेती या फिर इसी तरह से इस भवन का कार्य अपूर्ण रहेगा और देश के भविष्य कहे जाने वाले इन बच्चों का क्या होगा देखनी है सोचने की बात है और इस गांव का विकास जस का तस धरातल पर ही पड़े रहेगा!