श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव हर्षोल्लास पूर्वक स्वर्णकार समाज चांपा ने मनाया ।
*सुसज्जित रथ पर श्रीकृष्ण-राधा की आकर्षक मूर्ति को सजाकर गाजे-बाजे और दही-हंडी फोड़ते नगर भ्रमण कराया गया, द्वार द्वार भगवान श्रीकृष्ण को देखकर श्रद्धालु भक्तों ने दर्शन-पूजन किया ।*
नमो विश्वस्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे ! विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः!!
नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे। कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः!!
जिला संवाददाता रामखिलावन यादव कमरीद
न्यूज़ चांपा । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व के दूसरे दिन स्वर्णकार समाज सर्किल चांपा द्वारा दही हांडी महोत्सव-2024 का आयोजन किया गया । मथुरा वृन्दावन और गोकुल धाम की तर्ज पर श्रीकृष्ण भगवान की प्रतिमा के साथ जुलूस निकाली गई । दिनांक 27 अगस्त 2024 दिन मंगलवार को सायंकाल 6 :30 बजें नगर के हृदय स्थल हनुमान चौक कसेर सोनार पारा से सोनार पारा , समलेश्वरी मंदिर, सदर बाजार, रामगढ़िया गली, नीम चौक , मातेश्वरी मंदिर होते-होते जगन्नाथ मठ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद समाप्त हुईं ।
*अद्भुत संयोग और श्रद्धालु भक्तों की भीड़ कृष्ण राधा रानी की एक झलक पाने उमड़ी ।*
धार्मिक आस्था और विश्वास रखने वाले शशिभूषण सोनी ने बताया कि भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण हैं । धर्मग्रंथों में वर्णित हैं कि भगवान श्रीकृष्ण के आविर्भाव के समय तिथि भाद्र कृष्ण पक्ष अष्टमी तथा नक्षत्र रोहिणी था । इस वर्ष 26-27 अगस्त को तिथि वार नक्षत्र का वही दुर्लभ संजोग उपस्थित हुआ , जिसे शास्त्रों में कृष्ण जयंती योग का नाम दिया गया । इस पावन योग के दोनों दिनों को केंद्रीय स्वर्णकार समाज के मार्गदर्शन में चांपा सर्किल ने श्रद्धा और भक्ति के साथ देर रात तक मनाया । जन्माष्टमी का त्यौंहार वास्तव में आनंदोत्सव हैं और इस आनंदोत्सव को स्वर्णकार समाज के स्वजन हर्षोल्लास पूर्वक मनाते हैं । भगवान श्रीकृष्ण की लीला का हर प्रसंग मनुष्य को प्रेरणा देता हैं । जब मन अशांत रहता है तब भगवान श्रीकृष्ण के संदेशवाहक ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता का मैं अध्ययन करता हूं । शशिभूषण सोनी ने कहा कि इस ग्रंथ के अध्ययन, मनन और चिंतन से मनुष्य के निराश मन को आध्यात्मिक संबल मिलता हैं और आशा विश्वास की नई किरणें प्रस्फुटित होती हैं ।