महंगाई के बोझ से जनता हलाकान, खाद्य तेलों के दामों में वृद्धि से बिगड़ा रसोई का बजट:- यू डी. मिंज

कुनकुरी : पूर्व संसदीय सचिव व पूर्व विधायक यू. डी. मिंज ने कहा कि देश में बढ़ती महंगाई ने आम जन का जीना मुहाल कर दिया है। विगत कई महीनों डीजल-पेट्रोल, घरेलू गैस से लेकर चीनी, दाल, प्याज आलू की कीमतों में वृद्धि से लोग पहले से परेशान थे। अब खाद्य तेल के बढ़ते दामों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। केंद्र सरकार अपनी नाकामी छिपाने देश की जनता पर महंगाई का बोझ डाल रही है। सोया फसल उत्पादनकर्ता किसानों को समर्थन मूल्य ना देना पडे़ इसलिए खाद्य तेलों के दामों में बेतहाशा वृद्धि की गई है। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। इसके अलावा सरसों, वनस्पति, सूरजमुखी, रिफाइंड आदि के दामों में प्रति किलो 30 से 40 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई है। एक तरफ किसानों को उनके खून-पसीने की असल कीमत नहीं मिल रही। दूसरी ओर उससे कई गुना ज्यादा महंगाई आम जनता पर डालकर मुनाफाखोरी कर रही है।
श्री मिंज ने कहा कि मोदी सरकार ने खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दिया है। देश में कर संग्रहण, सरकार के अनुमान और तय लक्ष्य से अधिक होने के बावजूद अचानक खाद्य तेलों में 20 प्रतिशत तक की भारी भरकम कस्टम ड्यूटी बढ़ाना जनता के साथ भाजपा सरकार का अन्याय है। मोदी निर्मित राष्ट्रीय आपदा "महंगाई" से आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है। एक तरफ घटती आमदनी और बेरोजगारी से आम जनता त्रस्त है, वही मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों और केंद सरकार की बेरहमी से टैक्स वसूली की भूख के कारण महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है। आलू, प्याज, लहसुन, अनाज, दलहन, रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे हैं और अब अचानक खाद्य तेल में 20-20 प्रतिशत की वृद्धि आम जनता पर अत्याचार है।
यू. डी. मिंज ने कहा कि मोदी सरकार का पूरा फोकस मुनाफाखोरी पर ही केंद्रित है, मंहगाई की मार से बदहाल आम जनता की तकलीफों से केंद्र की भाजपा सरकार को कोई सरोकार नहीं है। आज दूध, दही, पनीर, आटा, मैदा, सूजी, बेसन, सोयाबीन, मटर, मुरमुरे भी जीएसटी के दायरे में लाए जा चुके हैं। कफन के कपड़े तक पर जीएसटी वसूला जा रहा है। होटल के कमरे से लेकर अस्पताल के कमरे तक में यह सरकार बर्बरता पूर्वक जीएसटी वसूल रही है। एक तरफ कनकी के निर्यात पर रोक लगा रखा है और चावल के निर्यात में भारी भरकम सेंट्रल एक्साइज वसूलकर किसानों की कमर तोड़ दी है, तो दूसरी तरफ खाद्य तेल में 20 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर मोदी सरकार जनता की जेब में डकैती डालने का काम कर रही है।